Magh Gupt Navratri 2024: कब से शुरु हो रही है माघ गुप्त नवरात्रि? जानें तिथि, घटस्थापना मुहूर्त और महत्व

Magh Gupt Navratri 2024: हिंदू धर्म में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना का बहुत महत्व बताया जा रहा है और नवरात्रि (Navratri) के दौरान भक्त नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. वैसे तो चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) और शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) के पर्व को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इन दोनों नवरात्रियों के अलावा माघ और आषाढ़ मास में भी नवरात्रि मनाई जाती है, जिसे गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) के तौर पर जा जाता है. गुप्त नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक दस महाविद्याओं की उपासना गुप्त तरीके से की जाती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है.

तंत्र साधना करने वाले अघोरी और तांत्रिकों के लिए गुप्त नवरात्रि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि वे इस दौरान तंत्र-मंत्र और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए दस महाविद्याओं की गुप्त तरीके से आराधना करते हैं. इस साल माघ गुप्त नवरात्रि (Magha Gupt Navratri) की शुरुआत 10 फरवरी 2024 से हो रही है और समापन 18 फरवरी 2024 को होगा. आइए जानते हैं शुभ तिथि, घटस्थापना मुहूर्त और महत्व…

माघ गुप्त नवरात्रि 2024 घटस्थापना मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 10 फरवरी 2024 को सुबह 04.28 बजे से,

प्रतिपदा तिथि समाप्त- 11 फरवरी 2024 की दोपहर 12.47 बजे तक.

घटस्थापना मुहूर्त- 10 फरवरी 2024, सुबह 08.09 बजे से 09.43 बजे तक.

अभिजीत मुहूर्त- 10 फरवरी 2024, सुबह 11.38 बजे से दोपहर 12.24 बजे तक.

माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व

ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान ही मां दुर्गा की 10 महाविद्याएं प्रकट हुई थीं, इसलिए गुप्त नवरात्रि के दौरान दस महाविद्याओं की गुप्त तरीके से उपासना की जाती है. इस नवरात्रि में तंत्र-मंत्र में सिद्धियां प्राप्त करने के लिए अघोरी और तांत्रिक दस महाविद्याओं की आराधना करते हैं. इस दौरान की जाने वाली गुप्त साधना को अति शुभ फलदायी माना जाता है. गुप्त नवरात्रि में साधना करने से कुंडली के सभी दोष दूर होते  हैं और धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है.

दस महाविद्याओं की आराधना

गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इन दस महाविद्याओं में मां काली, मां तारा, मां षोडशी, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला शामिल हैं, जिनकी साधना तंत्र शक्ति और सिद्धियों को सिद्ध करने के लिए की जाती है.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई तमाम जानकारियां प्रचलित धार्मिक व ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं, इसलिए इसकी वास्तविकता, सटीकता की ‘अनादि लाइफ’ पुष्टि नहीं करता है. इसे लेकर हर किसी की राय और सोच में भिन्नता हो सकती है.

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