डिप्रेशन क्या होता है? जानें अवसाद के शुरुआती लक्षण, कारण और इससे बचाव के आसान तरीके  

Depression: आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लगभग हर व्यक्ति तनाव या स्ट्रेस (Stress) से जूझता है, जो हमारी मनस्थिति और बाहर की परिस्थिति के बीच संतुलन और सामंजस्य न बन पाने की वजह से उत्पन्न होता है. तनाव की वजह से व्यक्ति में कई तरह के मनोविकार पैदा हो सकते हैं. यूं तो थोड़ी मात्रा में तनाव या स्ट्रेस होना हमारे जीवन का एक सामान्य हिस्सा है, लेकिन अगर यही तनाव ज्यादा और अनियंत्रित हो जाए तो इसका हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इतना ही नहीं यह कब डिप्रेशन यानी अवसाद (Depression) में तब्दील हो जाता है, इसका व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता है.

डिप्रेशन यानी अवसादग्रस्त होने की संभावना उन व्यक्तियों में अधिक होती है, जो हमेशा तनाव में रहते हैं. दरअसल, व्यक्ति जिस चीज से डरता है या जिस स्थिति पर उसका नियंत्रण नहीं रहता, उसे लेकर वो तनाव महसूस करने लगता है और इसी के चलते उसके ऊपर एक दबाव बनने लगता है. अगर व्यक्ति ज्यादा समय तक ऐसी परिस्थिति में रहता है तो वो धीरे-धीरे तनावग्रस्त जीवन जीने का आदी हो जाता है, ऐसे में अगर उसे तनावग्रस्त स्थिति न मिले तब भी वो तनाव महसूस करने लगता है. आइए जानते हैं किस वजह से डिप्रेशन होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे अपना बचाव किया जा सकता है?

कारण

  • दुर्घटना, किसी प्रियजन की मौत, आर्थिक समस्या जैसी तनावपूर्ण घटनाएं.
  • प्रेग्नेंसी, डिलीवरी, थायरॉइड या मेनोपॉज जैसे हार्मोनल बदलाव.
  • अस्वस्थ मनोदशा, नींद की कमी.
  • सोचने की क्षमता का कम होना.
  • नशे की लत.
  • मानसिक बीमारी का व्यक्तिगत इतिहास.
  • पुरानी बीमारी.
  • आनुवांशिक कारण.

लक्षण

डिप्रेशन यानी अवसाद होने के कई कारण हो सकते हैं. डिप्रेशन में लोग हमेशा चिंताग्रस्त रहते हैं और उनमें कई लक्षण दिखाई देते हैं, जो निम्नलिखित हैं.

  • हमेशा उदास रहना.
  • खुद को उलझन में घिरा और हारा हुआ महसूस करना.
  • आत्मविश्वास की कमी होना.
  • किसी भी काम में ध्यान केंद्रित न होना.
  • सबसे अलग ज्यादातर समय अकेले रहना पसंद करना.
  • खुशी के माहौल में भी उदास रहना.
  • चिड़चिड़ापन और बहुत कम बोलना.
  • हमेशा बेचैन और चिंता में डूबे रहना.
  • निर्णय ले पाने में असमर्थ होना.
  • हमेशा भ्रम की स्थिति में रहना.
  • अनहेल्दी खाने में दिलचस्पी रखना.
  • हर समय कुछ बुरा होने की आशंका में घिरे रहना.
  • बहुत ज्यादा गुस्सा आना.
  • सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस होना.
  • नींद की कमी या जरूरत से ज्यादा नींद आना.
  • हमेशा नकारात्मक ख्यालों से घिरे रहना.
  • सामान्य डाइट का कम होना या बढ़ जाना.
  • मुंह सुखना और चक्कर आना.
  • मांसपेशियों में तनाव, अधिक थकान महसूस होना.

    ऐसे पाएं निजात

अगर आप डिप्रेशन से पीड़ित हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, अपने डेली रूटीन में कुछ सकारात्मक बदलाव लाकर आप इससे निजात पा सकते हैं. इसके अलावा आप डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं.

  • डिप्रेशन से निजात पाने के लिए नियमित तौर पर व्यायाम करने की आदत को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बने लें. व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन्स नामक हार्मोन बढ़ता है, जिससे मूड बेहतर होता है.
  • डिप्रेशन और एंजायटी से छुटकारा पाने के लिए रोजाना थोड़ी देर के लिए ही सही पर मेडिटेशन का अभ्यास जरूर करें. मेडिटेशन से मन को शांति मिलती है और इससे सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.
  • कई रिसर्च में पाया गया है कि प्रकृति के बीच कुछ समय बिताने से इंसान का मूड अच्छा होता है, इसलिए सुबह या शाम के समय कुछ देर टहलने की आदत को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं. प्रकृति के बीच सैर-सपाटे से डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है.
  • डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तियों को थकान, सुस्ती और आलस्य जैसी समस्याएं होती हैं, ऐसे में उन चीजों को करने की कोशिश करें जो आपको पसंद हैं. अपने पसंदीदा कार्यों को करके आप अपने ऊर्जा स्तर को बढ़ा सकते हैं और नकारात्मकता को खुद से दूर कर सकते हैं.
  • अगर आप डिप्रेशन से बाहर आना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त नींद ले रहे हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए समय पर सोने की कोशिश करें और कम से कम 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद जरूर लें.
  • अपनी देखभाल करके आप डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार ला सकते हैं. अपने डेली डायट में साबुत अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन और अंडे जैसे स्वस्थ आहार को शामिल करें. शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने से परहेज करें.
  • डिप्रेशन जैसी समस्या से निपटने में अगर आपकी सबसे ज्यादा कोई मदद कर सकता है तो वो आप ही हैं, क्योंकि आपकी भावनाओं और आपके दिमाग को आपसे ज्यादा बेहतर तरीके से कोई नहीं समझ सकता. ऐसे में खुद के साथ समय बिताने का प्रयास करें और नकारात्मक लोगों से दूर रहें.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है, जो किसी भी तरह के योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. ‘अनादि लाइफ’ इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है, इसलिए किसी भी उपाय या सुझाव को आजमाने से किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श लें.