Wednesday Ganesh Puja: बुधवार का भगवान गणेश से है खास संबंध, जानें इस दिन क्यों की जाती है उनकी पूजा

Budhwar Ganesh Puja: देवों के देव महादेव (Mahadev) और माता पार्वती (Mata Parvati) के लाड़ले पुत्र भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) सभी देवताओं में प्रथम पूज्य कहलाते हैं. बुद्धि और शुभता के प्रतीक गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) अपने भक्तों के सारे विघ्न हर लेते हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता गणेश भी कहा जाता है. अपने जीवन से विघ्नों को दूर करने और शुभता को लाने के लिए भक्त बुधवार के दिन गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है, इस दिन का उनके साथ खास संबध है. आइए जानते हैं आखिर बुधवार के दिन क्यों होती है भगवान गणेश की पूजा…

बुधवार का दिन है गणेश जी को समर्पित

बुधवार सप्ताह का तीसरा दिन होता है, जो भगवान गणेश को समर्पित है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, बुधवार का दिन गणश जी को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन जो भी भक्तिभाव के साथ उनकी उपासना करता है, उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं. भगवान गणेश की कृपा से उसके जीवन में सुख-समृद्धि और शुभता का आगमन होता है. यह भी पढ़ें: Ganesh Puja: किसी भी शुभ कार्य से पहले क्यों की जाती है गणेश जी की पूजा? जानिए कैसे गणपति बनें प्रथम पूज्य

बुधवार का गणेश जी से है खास संबंध

पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब माता पार्वती ने गणेश जी की उपत्ति की तब कैलाश पर्वत पर बुध देव भी मौजूद थे. बुध देव की उपस्थिति में गणेश की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए उनकी पूजा के लिए उनके प्रतिनिधि वार बुध हुए. यही वजह है कि बुधवार को भगवान गणेश की पूजा की जाती है और यह वार उन्हें अत्यंत प्रिय है.

प्रथम पूज्य हैं भगवान गणेश

एक अन्य प्रचलित मान्यता के अनुसार, प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद जब महादेव और त्रिपुरासुर के बीच युद्ध हुआ तो इसमें भगवान शिव विजयी हुए थे. उनकी पूजा के बाद भगवान शिव ने युद्ध में त्रिपुरासुर का अंत किया था, इसलिए हर कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि कार्य में आने वाली बाधाएं दूर हो जाएं और उसमें सफलता प्राप्त हो.

बुधवार को करें गणेश पूजन

बुधवार के दिन भगवान गणेश के साथ-साथ बुध देव की पूजा करनी चाहिए. इससे भगवान गणेश और बुध देव की भी कृपा प्राप्त होती है. गणेश जी की पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा, गुड़हल के फूल अर्पित करने चाहिए, इसके साथ ही उन्हें मोदक का भोग लगाना चाहिए. इससे बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं.

गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से बुद्धि-विवेक में वृद्धि होती है. इस दिन गणपति की पूजा करके घर से निकलने पर कार्य में सफलता प्राप्त होती है. इतना ही नहीं जिन लोगों के विवाह में विघ्न आ रहे हैं, उन्हें बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा कर पीले रंग के मिष्ठान्न का भोग लगाना चाहिए, इससे शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई तमाम जानकारियां प्रचलित धार्मिक व ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं, इसलिए इसकी वास्तविकता, सटीकता की ‘अनादि लाइफ’ पुष्टि नहीं करता है. इसे लेकर हर किसी की राय और सोच में भिन्नता हो सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *